लगभग 1 साल से सम्पूर्ण विश्व COVID-19 महामारी से जूझ रहा है । पूरी दुनिया में लगभग 6 करोड़ लोग COVID से संक्रमित हो चुके हैं और इससे राजनेता भी अछूते नहीं हैं ।

लगभग 1 साल से सम्पूर्ण विश्व COVID-19 महामारी से जूझ रहा है । पूरी दुनिया में लगभग 6 करोड़ लोग COVID से संक्रमित हो चुके हैं और इससे राजनेता भी अछूते नहीं हैं ।
वर्तमान समय में विश्वस्तर पर विवाह का सामान्य चलन परिवर्तित हो गया है। जो देश आर्थिक रूप से जितना अधिक स्थिर और उन्नत है वहाँ के लोगों को लगता है कि वे देर से विवाह कर लेंगे।
पश्चिमी लोगों को कुछ अरूचिकर व्यंजन खाने में आनंद मिलता है और हम उनकी पाककला का दंडवत हो न्याय करने के लिए यहाँ हैं।
सम्पूर्ण देश में इस समय कोरोना के लगभग 35 हज़ार मामले संदिग्ध पाए गए हैं । लॉक डाउन को 17 मई तक बढ़ा दिया गया है । आखिर प्रश्न यह उठता है कि . वे कौन से कारण थे जिनके कारण भारत में इस वायरस का विस्तार इतनी तेजी से हुआ
बिटकाॅयन की शुरूआत 3 जनवरी 2009 को हुई। यह एक ऐसी मुद्रा है जिसकी सिर्फ गणना होती है। इसका आभास किया जा सकता है पर यह दृष्टिगोचर नहीं होती क्योंकि इसका कोई भौतिक रूप नहीं है। वास्तव में यह डिजिटल युग की डिजिटल करेंसी है जो सिर्फ कम्प्यूटर नेटवर्किंग के द्वारा विनिमय करती है। इसके प्रयोग में कोई शुल्क नहीं लगता। इसकी क्रेडिट लिमिट नहीं है। इसका मूल्य इसकी आपूर्ति और माँग के अनुसार बढ़ता रहता है।
दुख की बात है कि कुछ लोगों के लिए लाॅकडाउन के हित को समझने के लिए यह पर्याप्त नहीं है कि सरकार के लिए इसको लागू करना कितनी गंभीर स्थिति है। हालांकि एक अत्यंत उत्साही पुलिस अफसर को यह लग रहा था कि वह लोगों को डरा धमका कर इस वायरस के प्रसार को रोक लेगा।
यहाँ यह बताना समीचीन होगा कि कोरोना वायरस की समस्या तेज़ी से विश्व में फैल रही है, ढेर सारे भ्रामक प्रचार और प्रकोप के बारे में षड्यंत्र सामने आए हैं। आखिर यह विषाणु है क्या – एक गुप्त जैविक अस्त्र, चीन की अर्थव्यवस्था की प्रगति को रोकने के लिए पेंटागन की गलत सोच या शायद यह केवल एक स्वतंत्र विषाणु है।
भारत प्रारम्भ से ही विश्व गुरु रहा है। तक्षशिला, नालन्दा, पाटलीपुत्र जैसे विश्वविद्यालय भारत की उन्नत वैचारिकता का यशोगान करते हैं। आधुनिक भारत भी अपनी शिक्षा व्यवस्था के कारण वैश्विक पटल पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराता रहा है। प्राथमिक से लेकर उच्च शिक्षा तक अर्वाचीन व्यवस्था अपनी गौरव शाली परम्परा को यथावत रखने में कामयाब है।
मोदी जी वैश्विक परिदृश्य में अपनी विनम्रता, कुशल नेतृत्व क्षमता, मजबूत विदेश नीति, वक्तृता शैली, फिटनेश के प्रति सतर्कता के कारण अत्यधिक मजबूती से स्थापित होते जा रहे हैं ।
कोरोना वायरस बहुत ही सूक्ष्म लेकिन अत्यंत ही प्रभावी वायरस है। यह वायरस मानव के बाल की तुलना में 900 गुना छोटा है। अब तक ईरान चीन, इटली, और दक्षिण कोरिया जैसे देश इससे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। कोरोना वायरस के संक्रमण से जुकाम, सांस लेने में तकलीफ इत्यादि जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। इसकी शुरुआत चीन में स्थित वुहान शहर से हुई थी। इस वायरस को रोकने के लिए वैज्ञानिक अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे हैं परन्तु अभी तक सफलता हाथ नहीं लगी है। हालांकि चीन इस संदर्भ में टीका बना लेने का वादा कर रहा है।
केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह एक कुशल व शानदार रणनीति कार और बेहतरीन संयोजक हैं। अपनी इन्ही कबिलियतों के दम पर वे मोदी जी द्वारा दिये गए हर एक लक्ष्य को सफलता पूर्वक हासिल कर लेते हैं। फिर चाहे वो बालाकोट स्ट्राइक का मसला हो या अभिनंदन जी को वापस लाने का काम हो, सभी को बखूबी अंजाम दिया है।
वाराणसी विश्व के प्राचीनतम सतत आवासीय शहरों में से एक है। वाराणसी विभिन्न मत मतान्तरों की संगम स्थली रही है यह सहस्त्रों वर्षो से उतर भारत का सांस्कृतिक व धार्मिक केंद्र रहा है। इसके 8 तथ्य निम्न वत हैं।
पिछले वर्ष की ऐसी घटनाएं जिन्होंने न केवल राष्ट्रीय सुर्खियां बटोरी बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय का भी ध्यान आकर्षित किया। इनका संक्षिप्त विवरण निम्नवत है।
बीते वर्ष 2019 में जिन राजनेताओ ने अपनी प्रखरताए विरोध व उपस्थिति दर्ज कराकर राष्ट्रीय परिदृश्य में अपने को चमकते तारे के रूप में प्रतिष्ठित कियाए शुमार किया हैए उनका संक्षिप्त विवरण निम्नवत है।
भारत विश्व के उन देशों में से है जिसकी जनसंख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। 1951 में भारत की जनसंख्या 36.11 करोड़ थी, जो 1991 में बढ़कर 84.63 करोड़ हो गई थी और आज लगभग सवा अरब है। जनसंख्या वृद्धि के कारण रोजगार की तलाश में ग्रामीण बड़े शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं, जिनसे इन शहरों की जनसंख्या बढ़ गई है।
2019 के शीर्ष आठ व्यक्तित्व का वर्णन निम्न वत है जिन्होंने अपनी प्रतिभा व साहसिक निर्णय से देश को नई दिशा व दशा दी है । इन व्यक्तित्वों ने न केवल देश अपितु अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी देश का नाम स्वर्णाक्षरों में अंकित किया है ए सम्पूर्ण देश को इन पर नाज़ है।
विश्व में भारत के दिग्गज ध्वजवाहक जिन्होंने भारतीय मेधा का लोहा मनवाया अपने कौशल और प्रतिभा से जिनकी कर्मठता ने उन्हें सम्पूर्ण विश्व मे नया उत्कर्ष प्रदान किया है वे भारतीय जनमानस के गौरव है।
15 अगस्त 1947 हमारे देश के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा गया। स्वतंत्र हो गया। दो सौ साल की गुलामी और सौ साल के संघर्ष के बाद भारत को स्वतंत्रता प्राप्त हुई। यहाँ इस स्वतंत्रता दिवस से संबंधित कुछ दिलचस्प तथ्य हैं जिनके विषय में बहुत कम लोगों को जानकारी है।
भारत की राजनीति में कुछ ऐसे राजनेता मौजूद हैंए जिनकी स्वच्छ छवि से हम भली भांति परिचित हैं। मनोहर पर्रिकर जी इन्ही नेताओं में से एक थे। उन्हें हम उनके कार्यों और उनकी ईमानदारी के लिए आज भी याद करते हैं। पर्रिकर जी ने एक छोटे से राज्य से अपना राजनीति का सफर शुरू करने किया और अपनी मेहनत के दम पर अपना स्थान बनाया। स्थान बनाया। आज हम उन्हीं के विषय में बताने जा रहे हैं ।
हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, जिनके लोग दीवाने हैं। उनकी कही बात पर जान लुटाने को तैयार हैं। लेकिन हम उनके बारे में क्या जानते हैं? वह कौन हैं? कैसे हैं? उनकी आदतें क्या हैं? आइए हम उनके जीवन के कुछ ऐसे तथ्यों के बारे में बताते हैं जिनसे शायद आप अपरिचित हों।