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भारत में COVID की दूसरी घातक लहर के 8 कारण

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भारत में COVID की पहली घातक लहर सितम्बर-नवम्बर 2020 के दौरान आई थी। पहली लहर की पीक एक दिन में अधिकतम 98 हजार मरीज़ों के साथ बनी थी, जिसके बाद संक्रमितों की संख्या में धीरे-धीरे कमी आने लगी और पहली लहर समाप्त हुई। लेकिन, मार्च 2021 में COVID की दूसरी लहर की शुरुआत हुई जोकि पहली लहर से कई गुना घातक साबित हुई। इस पोस्ट में हम जानेंगे भारत में COVID की दूसरी घातक लहर आने के 8 कारण।

1. लोगों की लापरवाही

कोरोना की पहली लहर के कम होने के पश्चात लोग कोरोना से सुरक्षा के प्रति लापरवाही बरतने लगे। लोगों ने COVID उपयुक्त व्यवहार यथा- मास्क लगाना, बार-बार हाथ धोना और दो गज की दूरी का पालन करना कम कर दिया। इससे कोरोना वायरस का प्रसार तीव्र गति से होने लगा और देश दूसरी लहर की चपेट में आ गया।

2. सरकार का अति आत्मविश्वास व गलत बयानबाज़ी 

जब देश में वैक्सीन उपलब्ध हुई तो भारत सरकार के कई मंत्रियों ने विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों से यह घोषणा कर दी की भारत ने कोरोना पर जीत दर्ज कर ली है। इन बयानों के कारण भी COVID की दूसरी घातक लहर का सामना देश को करना पड़ा।

3. वैक्सीन वॉर

भारत में वैक्सीन उत्पादन प्रारंभ होने के साथ ही एक प्रकार की वैक्सीन वॉर देखने को मिली। वैक्सीन उत्पादक कंपनियों ने अपने कंपनी के वैक्सीन को दूसरे से बेहतर बताया और इससे संबंधित बयान दिए। साथ ही कुछ राजनेताओं ने भी राजनीतिक फायदे के लिए गलत बयानी की जिससे लोगों में गफलत की स्थिति उत्पन्न हुई। परिणामस्वरूप देश को कोरोना की दूसरी घटक लहर का सामना करना पड़ रहा है।

4. चुनावी रैलियाँ

कोरोनाकाल में 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव कराने और बिना मास्क के और बिना सोशल डिस्टेंसिंग के चुनावी रैलियों का आयोजन करने के चलते देश में कोरोना का प्रसार काफी तेज़ी से हुआ। सभी दलों के नेता चुनावी रैलियों में अधिक-से-अधिक भीड़ जुटाते रहे जिससे संक्रमण बढ़ता चला गया।

5. कुम्भ का आयोजन

कोरोनाकाल में कुम्भ मेले के आयोजन ने भी कोरोना के प्रसार में अपना योगदान दिया ज्सिके कारण भारत को COVID की दूसरी घातक लहर का सामना करना पड़ रहा है।

6. अनलॉक की प्रक्रिया

पहली लहर के समय लगाए गए लॉकडाउन को जल्दबाज़ी में बिना समुचित तैयारी के खोल दिया गया। उन सभी कार्यक्रमों और समारोहों की भी इजाज़त दे दी गई जिससे कोरोना प्रसार का डर था। इन स्थलों पर कोविड उपयुक्त व्यवहारों का पालन नहीं किया गया जिसने दूसरी लहर को बढ़ावा दिया।

7. डबल म्युटटेंट वायरस

मानवीय कारकों के अलावा, कोरोनावायरस का विकास दूसरी लहर के प्रमुख कारणों में से एक है। वैज्ञानिकों ने SARS-COV-2, कोरोनवायरस जो कोविड -19 का कारण बनता है, में कई म्युटेशन का पता लगाया है। इसकी जीनोम सिक्वेंसिंग नहीं होने के कारण संक्रामकता का सही से पता नहीं लगाया जा सका और दूसरी घातक लहर आई।

8. मजदूरों का पलायन

कोरोनाकाल में मजदूरों के पलायन ने भी वायरस के प्रसार में अहम भूमिका निभाई और वायरस एक स्थान से दूसरे स्थान तक फ़ैल गया। COVID की दूसरी घातक लहर का एक कारण यह भी रहा।