Site stats कोरोनावायरस के ओमीक्रोन वेरिएंट के बारे में आपको क्या जानना चाहिए – Brain Berries

कोरोनावायरस के ओमीक्रोन वेरिएंट के बारे में आपको क्या जानना चाहिए

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कोरोनावायरस ने पिछले दो सालों में अपने अनेक रूप रंग दिखाए हैं। उसके कई वेरिएंट आए और खासी तबाही मचाई। करोड़ों लोगों को अपनी चपेट में लिया और कइयों को अपनी जान गवानी पड़ी।

अभी हाल में ही इसका एक नया वेरिएंट ओमीक्रोन दक्षिण अफ्रीका में पाया गया है। इससे सारे विश्व में हड़कंप सा मच गया है। आनन फानन में कई देशों ने फिर से विदेश यात्रा पर रोक लगा दी है।

नीचे दिए गए 7 पॉइंट्स जो आपको कोरोनावायरस के ओमीक्रोन वेरिएंट के बारे में जानना चाहिए।

  1. इस वेरिएंट की उत्पत्ति किस देश से हुई, फिलहाल कहना बहुत मुश्किल है। हालांकि इसको सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका के हिस्सा में पाया गया है। वहां के डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने इसकी सूचना विश्व स्वास्थ्य संगठन को दी । विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इसे गंभीर बताकर सभी देशों को सतर्क रहने को कहा है। अपने देश में भी इसके मामले सामने आ रहे हैं।
  1. जब विश्व स्वास्थ्य संगठन को इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने इसपर गहन अध्ययन और चर्चा की। अंततः हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे चिंताजनक स्वरूप करार दिया है और ओमीक्रोन नाम दिया। संगठन ने इसके ऊपर वैक्सीन के प्रभावी होने पर भी एक सवाल उठा दिया है। इसपर देशों में और दहशत का माहौल है। अभी पर्याप्त डाटा भी नही है, जिससे बताया जा सकते की यह वेरिएंट डेल्टा की तुलना में कितना खतरनाक है।

  1. एक सवाल यह भी उठता है कि अभी जो भी वैक्सीन सभी देशों में लोगो को लगाई जा रही है, वो ओमीक्रोन वेरिएंट पर कारगर है या नहीं। इस बात पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्पष्ट किया है कि अभी इस बात का पता नही लगाया जा सका है कि मौजूदा वैक्सीन कितनी कारगर है। हालांकि विशेषज्ञों की एक टीम इस दिशा में लगातार कार्यरत है। उम्मीद है कि जल्दी ही यह भी स्पष्ट हो जाएगा। हालांकि वैक्सीन निर्माता कंपनियां अभी से इस ओर कार्य करना आरंभ कर चुकी हैं।
  1. अगर वहीं बात इसके लक्षण की है, तो फिलहाल कोई खास लक्षण सामने नहीं आ रहे हैं। दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रीय संचारी रोग संस्थान की ओर से बताया गया है कि हो सकता है की जिस तरह डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित लोगों में किसी भी तरह के लक्षण नहीं दिखाई दे रहे थे, ठीक वैसा ही ओमीक्रोन वेरिएंट के साथ भी हो सकता है। वैसे वहां लोगो में कमजोरी, गला सूखना आदि लक्षण मौजूद पाए गए हैं।
  1. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि हालिया स्टडी में पाया गया है कि अन्य वेरिएंट की तुलना में ये ज्यादा तेज़ी से फैलने में सक्षम हैं। इसका मतलब है कि जो लोग संक्रमण से उबर चुके हैं, वे भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। इस नये स्वरूप में कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन में सबसे ज़्यादा, करीब 30 बार परिवर्तन हुए हैं जिससे इसके आसानी से लोगों में फैलने की आशंका है।

  1. दक्षिण अफ्रीका में इसका पहला मामला प्रकाश में आया। उसके बाद अमेरिका, इटली, भारत, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, इजराइल, हॉन्ग कॉन्ग, बेल्जियम, फ्रांस, ऑस्ट्रिया, चेक गणराज्य सहित विश्व के विभिन्न देशों में इस वेरिएंट से संक्रमित मरीज़ पाए गए हैं। कईं देशों ने इंटरनेशनल फ्लाइट्स फिर से बंद कर दी है। राहत की बात यह है की मौजूदा RT PCR टेस्ट से इस वेरिएंट के संक्रमण का पता लगाया जा सकता है।
  1. वैज्ञानिकों को पता चला है कि ओमीक्रोन, बीटा और डेल्टा स्वरूप सहित पिछले स्वरूपों से आनुवंशिक रूप से अलग है, लेकिन यह नहीं पता चल पाया कि क्या ये आनुवंशिक परिवर्तन इसे और अधिक संक्रामक या घातक बनाते हैं। अब तक, कोई संकेत नहीं मिले हैं कि स्वरूप अधिक गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है। यह पता करने में संभवत हफ्तों लग सकते हैं।

अतः एक नागरिक होने के नाते हमारा कर्तव्य है कि जब तक वैज्ञानिक रिसर्च में लगे हुए हैं, हम बुनियादी नियमों का बखूबी पालन करते रहे। नियमित तौर पर मास्क और सेनिटाइज़र का उपयोग करे और 6 फीट की दूरी बनाए रखे।