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संजय कपूर का बड़ा खुलासा ‘अब अपना जमाना चला गया!’ जानिए सिनेमा के बदलते मिजाज पर उनकी बेबाक राय

संजय कपूर ने सिनेमा के बदलते मिजाज पर अपनी बेबाक राय दी है। उनका मानना है कि अब केवल नायक की भूमिका नहीं, बल्कि विविध और चरित्र भूमिकाएं भी महत्वपूर्ण हो गई हैं। ओटीटी प्लेटफार्म पर कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का नया अवसर मिला है। उम्र अब बस एक संख्या है।

गुरु दत्त की दुखद जीवन कहानी

गुरु दत्त, जिन्हें अक्सर “भारतीय ऑरसन वेल्स” के रूप में स्मरण किया जाता है और जिनके निर्देशन में बनी फ़िल्में “प्यासा” (1957) और “साहिब बीबी और गुलाम” (1960), उन्होंने अपनी अद्वितीय प्रतिभा के द्वारा भारतीय सिनेमा में एक अलग पहचान बनाई थी।