संजय कपूर ने सिनेमा के बदलते मिजाज पर अपनी बेबाक राय दी है। उनका मानना है कि अब केवल नायक की भूमिका नहीं, बल्कि विविध और चरित्र भूमिकाएं भी महत्वपूर्ण हो गई हैं। ओटीटी प्लेटफार्म पर कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का नया अवसर मिला है। उम्र अब बस एक संख्या है।
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