पिछले वर्ष की ऐसी घटनाएं जिन्होंने न केवल राष्ट्रीय सुर्खियां बटोरी बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय का भी ध्यान आकर्षित किया। इनका संक्षिप्त विवरण निम्नवत है।
राम मंदिर फैसला
अंततः 9 नवम्बर 2019 को वह शुभ दिन आ ही गयाए जब सुप्रीम कोर्ट ने रामलला विराजमान के पक्ष में निर्णय सुना दिया। यह घटना पिछले वर्ष की उल्लेखनीय घटनाओं में से एक है। रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली संविधान पीठ ने लगातार 40 दिनों की सुनवाई के बाद अयोध्या मामले का निपटारा किया।
पराजितों
को मानसिक आघात देने के लिए
21
मार्च
1528
को
बाबर के सेनापति मीर बाकी ने
राम मंदिर को तोप से हमला कर
गिरवा दिया था। तब से मंदिर
की वापसी के लिए 76
युद्ध
लड़े गए।
तीन तलाक पर कानून
एक
छोटी सी पहल कितना बड़ा बदलाव
ला सकती है ए यह पता चला तीन
तलाक को सुप्रीम कोर्ट की ओर
से गैर कानूनी करार दिए जाने
और फिर इस कुप्रथा को हतोत्साहित
करने वाले कानून के निर्माण
से। 30
जुलाई
2019
से
हिंदुस्तान में निवास करने
वाली समस्त मुस्लिम औरतो के
जीवन में एक नई आशा की किरण
फूट पड़ी। उन्हें नरकीय जीवन
से मुक्ति मिली।
अनुच्छेद 370 व 35A
इस साल 5 अगस्त को गृह मंत्री अमित शाह ने इतिहास की धारा को बदलते हुए एक नया अध्याय लिखा। यह अध्याय था जम्मू कश्मीर से जुड़े अनुच्छेद 370 और 35A की समाप्ति की।
370 और 35A की समाप्ति के साथ ही जम्मू कश्मीर को दो हिस्सों में विभाजित कर दो नए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख बनाये गए।
आशा
है अब इन प्रदेशो में विकास
की नई बयार बहेगी तथा देश एक
नई ऊंचाई पर पहुंचेगा।
राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एन आर सी) व नागरिकता संसोधन कानून (सी ए ए)
एन आर सी और सी ए ए का विवाद पूरे देश को दो पालो में बाटता नज़र आ रहा है।
एनआरसीए जहां पड़ोसी देशों से भारत में अवैध रूप से घुस आए विदेशी नागरिकों को देश से बाहर निकालने का उपाय है तो सीएए का मकसद पाकिस्तानए अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आए धार्मिक अल्पसंख्यक शरणार्थियों को नागरिकता प्रदान करना है।
माना
जा रहा है कि इन कानूनों के
कारण घुसपैठियों का भारत में
लंबे समय तक टिकना मुश्किल
हो जाएगा।
करतारपुर गलियारा
करतारपुर गलियाराए पाकिस्तान में रावी नदी के तट पर स्थित है। यह भारतीय सीमा से लगभग 4 किलोमीटर दूर है। सिखों के पहले गुरुए नानकदेव जी ने अपने जीवन के 18 साल यहीं बिताए थे। अतः यहाँ का कण कण सिखों के लिए पवित्र है। अंततः 9 नवम्बर 2019 को गुरुनानक देव जी के 550 वें प्रकाशोत्सव पर इस गलियारे की शुरुआत की गई।
शुरुआती
दौर में 1998
में
स्व अटलबिहारी वाजपेयी जी की
ऐतिहासिक लाहौरयात्रा के
दौरान इस दिशा में उम्मीद जगी
थी।
शानदार कुंभ मेला आयोजन
2019 साल का शुभारंभ दिव्य कुंभ मेला के आयोजन से हुआ। प्रयागराज में मकरसक्रान्ति से आरम्भ हुआ मेला पर्व शिवरात्रि पर्व तक चला। यह मेला पृथ्वी पर लगने वाला सबसे वृहद मेला था ए इस मेले की साफ सफाई की चर्चा सम्पूर्ण विश्व में छाई रही।
इस अवसर पर 450 साल बाद ऐतिहासिक अक्षय वट एवं सरस्वती कूप स्थान को खोलने की भी घोषणा हुई। कुंभायोजन यहाँ हुई धर्म संसदों को लेकर भी अत्यंत चर्चित रहा। लगभग 42 किलोमीटर के दायरे में बसाई गई कुंभ नगरी में 24 करोड़ से भी अधिक लोंगो ने वास किया।
अंततोगत्वा यह कहा जा सकता है कि . उपरोक्त घटनाओ ने न केवल भारतीय राजनीति की दशा दिशा को प्रभावित किया है बल्कि अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में भारत का कद भी ऊंचा किया है। वह चाहे मज़बूत राजनीतिक इच्छा शक्ति रही हो या अपने निर्णय पर अडिग रहने का भाव।