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कुशल संयोजक अमित शाह

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केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह एक कुशल व शानदार रणनीति कार और बेहतरीन संयोजक हैं। अपनी इन्ही कबिलियतों के दम पर वे मोदी जी द्वारा दिये गए हर एक लक्ष्य को सफलता पूर्वक हासिल कर लेते हैं। फिर चाहे वो बालाकोट स्ट्राइक का मसला हो या अभिनंदन जी को वापस लाने का काम हो, सभी को बखूबी अंजाम दिया है।

गृहमंत्री अमित शाह का जन्म 22 अक्टूबर 1964 को मुंबई के संपन्न गुजराती परिवार में हुआ था, उन्होंने शेयर ब्रोकर के रूप में भी काम किया। शाह ने जब से पार्टी की कमान संभाली है, तब से पार्टी ने कई उच्च मुकाम हासिल किया है।

 शाह साल 1980 में मात्र 16 वर्ष की अवस्था में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से गहरे से जुड़ गए थे और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता बने। उनकी पहली मुलाकात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी से  1986 में हुई, जो कि बाद में मजबूत दोस्ती में बदल गई। इस दोस्ती का परिणाम आज समस्त विश्व देख रहा है।

उन्होंने रामजन्म भूमि आंदोलन में सफलता पूर्वक प्रचार प्रसार की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी उठाई राम मंदिर निर्माण मुद्दे पर भी उन्होंने संसद में सरकार का पक्ष मजबूती से रखते हुए, समस्त साक्ष्यों को पटल पर रखा। वे कई बार चुनावों में आडवाणी जी के चुनाव संयोजक की जिम्मेदारी भी निभा चुके हैं। शाह ने वर्ष 1977 में  प्रथम बार गुजरात के सरखेज विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और विजयी हुए।

अमित शाह की संगठनात्मक क्षमता के व कुशलता के कारण उन्हें 1980 में भाजपा की गुजरात प्रदेश इकाई का प्रदेश सचिव व एक वर्ष के अंतराल पर ही प्रदेश उपाध्यक्ष की अति महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई। उन्होंने 2002 में गुजरात में मंत्री पद की शपथ ली तथा 2009 में प्रदेश क्रिकेट संघ के उपाध्यक्ष भी चुने गए।

शाह की क्षमता को देखते हुए बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व ने 2014 के ठीक पहले उनको राष्ट्रीय महासचिव पद पर प्रोन्नत करते हुए यूपी का प्रभारी बनाया। उस समय बीजेपी ने यूपी में 71 सीटो पर जीत हासिल की। 2016 में उन्हें पुनश्च अध्यक्ष चुना गया, मोदी जी के दूसरे कार्यकाल में उन्हें देश का गृहमंत्री बनाया गया। इसीलिए वे मोदी जी के विश्वस्त सलाहकारों में से एक हैं। 

उन्होंने अनुच्छेद 370 को हटाने जैसे ऐतिहासिक कदम भी उठाए हैं। गृहमंत्री अमित शाह जी जम्मू कश्मीर में  पिछले 70 वर्षों से लागू अनुच्छेद 370 व 35 ए को हटाने व उस राज्य को मुख्य धारा में लाने का ऐतिहासिक कार्य किया है वह अपने आप मे बेमिसाल है।

निष्कर्ष

शाह के बारे में कहा जाता है कि जहाँ उन्हें सेंध लगानी होती है, वहाँ पूरा अध्ययन करते हैं और दरार तलाशते हैं। फिर हथौड़े की तरह वार करके उसे चौड़ी कर देते हैं। इस तरह वे या तो विरोधियों को ढहा देते हैं या अपने पक्ष में कर लेते हैं। अमित शाह जी जमीनी योजना और किसी भी चीज़ को जानने की जिज्ञासा के बेहतरीन परिणाम सामने आए हैं। शाह आने वाले लम्बे समय तक मोदी जी की योजनाओं का अनिवार्य हिस्सा रहेंगे।