Site stats घर में क्वारंटाइन में देखने के लिए 10 फिल्में – Brain Berries

घर में क्वारंटाइन में देखने के लिए 10 फिल्में

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आज जबकि सम्पूर्ण विश्व कोरोना नामक महामारी से जूझ रहा है। लोंगो में चारो तरफ भय का माहौल है। ऐसे समय में परिवार के साथ सकारात्मक सोच के साथ जीवन यापन करना अत्यंत आवश्यक है। हिंदी फिल्में इसके लिए बेहतर विकल्प है। उपरोक्त संदर्भ में मनोरंजक फिल्में निम्नवत है।

लगान

लगान फ़िल्म एक एपिक स्पोर्ट आधारित फिल्म है। फ़िल्म आज़ादी के पहले अंग्रेज़ो द्वारा किये गए अत्याचारों और भारतीय नागरिकों के संघर्ष व बलिदान को व्याख्यायित करती है।

मिस्टरइंडिया

शानदार मनोरंजक फ़िल्म है। छोटे बच्चों का अनाथालय जिसकी पूरी देखभाल अनिल कपूर करते हैं। मज़ा तब आता है, जब नायक को गायब होने वाली घड़ी मिल जाती है।

मुन्ना भाई एमण्बीण्बीण्यस

फ़िल्म में मुन्ना नामक तथा कथित गुंडा डॉक्टर बनकर अपने पिता का सपना पूरा करना चाहता है। अपने जिगरी दोस्त सर्किट की सहायता से मेडिकल कालेज में दाखिला भी ले लेता है।

तारे जमीं पर

उत्कृष्ट फ़िल्म। एक ऐसे छोटे बच्चे की कहानी जो डिस्लेक्सिया की बीमारी से ग्रसित है। उसके उन्मुक्त विचार ही उसके अल्हड़ बचपन के प्रतीक हैं।

बॉर्डर

देशभक्ति की भावना से ओत प्रोत फ़िल्म। सम्पूर्ण फ़िल्म सत्य घटना पर आधारित है। भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय लड़े गए लोंगे वाला चेकपोस्ट का सत्यवर्णित है। संगीत बेहद प्रेरक है।

बावर्ची

बांग्ला फ़िल्म से प्रेरित पारिवारिक हास्य व भावनात्मक फ़िल्म। रसोइए की खोज़ में परेशान शर्मा परिवार, रघु के आगमन से खुश हो जाता है। तदुपरांत घर के गहने भी गायब होते हैं और रघु भी।

सरफरोश

सन 1999 में बनी एक्शन-थ्रिलर-रहस्य से परिपूर्ण शानदार फ़िल्म। देशभक्ति की भावना में डूबे पुलिस अफसर का त्याग इस की विशेषता है।

मणिकर्णिका

झांसी की रानी मणिकर्णिका यमनुद्ध जो कि ईस्ट इंडिया कम्पनी की धूर्तता के आगे नतमस्तक होने से इंकार कर देती हैं। अंग्रेज़ो के खिलाफ उनका विद्रोह जल्द ही एक उग्र जनांदोलन बन जाता है।

छपाक

जोरदार सामाजिक संदेश देती दीपिका पादुकोण अभिनीत यह फ़िल्म तेज़ाब हमला पीड़िता की दुखद घटना को व्यापक रूप में दर्शाती है।

बजरंगी भाईजान

भारत-पाकिस्तान रिश्ते पर आधारित पूरी तरह कमर्शियल मूवी है। शानदार गानों से परिपूर्ण मूवी का संदेश जोरदार है। लड़की ण्माँ का मिलन मर्मस्पर्शी है।

निष्कर्ष

निष्कर्षतः यह कहा जा सकता है कि उपरोक्त  फिल्में न केवल मनोरंजक हैं बल्कि साफ सुथरी भी हैं एजिन्हें हम परिवार के साथ बैठकर देख सकते हैं। इस समय इन्हें देखना अपने को ऊर्जस्वित करना है।