हिंदी सिनेमा की दुनिया में कई जोड़ियां आईं और चली गईं, लेकिन कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं जो वक्त के साथ और भी गहराई से जुड़ जाते हैं — भले ही वे अधूरे क्यों न रह जाएं। ऐसा ही एक रिश्ता था राज कपूर और नरगिस दत्त का। उनकी मोहब्बत न सिर्फ कैमरे के पीछे थी, बल्कि पर्दे पर भी साफ़-साफ़ झलकती थी।
पहली मुलाकात जो बन गई सिनेमाई इतिहास
राज कपूर और नरगिस की पहली मुलाकात किसी फिल्मी सीन से कम नहीं थी। उस समय नरगिस एक मशहूर अभिनेत्री थीं और राज कपूर पृथ्वीराज कपूर के बेटे के तौर पर जाने जाते थे। वे अपने करियर की शुरुआत कर रहे थे और खुद की फिल्म बनाने के लिए स्टूडियो ढूंढ़ रहे थे।
एक दिन जब राज कपूर महालक्ष्मी स्टूडियो देखने पहुंचे, तो उन्हें पता चला कि नरगिस की मां जद्दनबाई वहाँ शूटिंग कर रही हैं। जब जद्दनबाई स्टूडियो में नहीं मिलीं, तो वे उनके घर चले गए। दरवाज़ा नरगिस ने खोला — हाथ में बेसन लगा था, बाल बिखरे थे। यह सीन इतना दिल को छू गया कि राज कपूर ने इसे अपनी सुपरहिट फिल्म बॉबी में हूबहू दोहरा दिया।

मोहब्बत की शुरुआत
नरगिस को राज कपूर पहली ही नज़र में पसंद आ गए थे। उन्होंने अपनी दोस्त से मज़ाक में कहा, “एक मोटा-पिंकी, नीली आंखों वाला लड़का आया था।” लेकिन वही लड़का उनके दिल में घर कर गया।
फिल्म आग से दोनों ने साथ काम करना शुरू किया और अगले दस सालों तक यह जोड़ी कई फिल्मों में नज़र आई। बरसात, श्री 420, आवारा, जान-पहचान, चोरी चोरी जैसी फिल्मों ने दोनों के रिश्ते को और गहराई दी।

सिर्फ राज कपूर के साथ ही करना चाहती थीं काम
राज कपूर और नरगिस का रिश्ता सिर्फ रोमांस तक सीमित नहीं था — वे एक-दूसरे के लिए प्रेरणा बन चुके थे। नरगिस ने कहा था कि वह सिर्फ राज कपूर के साथ फिल्में करेंगी। राज कपूर के लिए उन्होंने कई ऑफर्स ठुकरा दिए।
राज कपूर का कहना था, “कृष्णा कपूर मेरे बच्चों की मां हैं, लेकिन नरगिस मेरी फिल्मों की मां हैं।” उनका यह बयान उनके रिश्ते की जटिलता को बयां करता है।

प्यार में दरार और फिर नया मोड़
राज कपूर पहले से शादीशुदा थे और उनके बच्चे भी थे। वहीं, नरगिस पारिवारिक मूल्यों को मानने वाली एक भावुक महिला थीं। जब उन्हें महसूस हुआ कि यह रिश्ता कभी मुकम्मल नहीं हो सकता, तो उन्होंने पीछे हटने का फैसला किया।
इसी दौरान उन्होंने महबूब खान की फिल्म मदर इंडिया साइन की। फिल्म में उनके बेटे का किरदार निभा रहे थे नए अभिनेता सुनील दत्त।

आग में जन्मा एक नया रिश्ता
मदर इंडिया के सेट पर एक दिन आग लग गई। सुनील दत्त ने अपनी जान पर खेलकर नरगिस को बचाया। दोनों गंभीर रूप से झुलस गए। लेकिन उस घटना ने नरगिस के दिल में कुछ बदल दिया।
उन्हें पहली बार एहसास हुआ कि कोई व्यक्ति उनकी जान से ज़्यादा उन्हें प्यार करता है। यही वह पल था जब उन्होंने राज कपूर से अपने रिश्ते को धीरे-धीरे खत्म करना शुरू कर दिया।

अंत में जो हुआ, वो अधूरी कहानी बन गई
राज कपूर और नरगिस की प्रेम कहानी कभी मुकम्मल नहीं हो पाई, लेकिन वह आज भी लोगों के दिलों में ज़िंदा है।
उनका रिश्ता एक खूबसूरत याद बनकर रह गया — एक ऐसा रिश्ता, जो सिनेमा के पर्दे से निकलकर सच्चाई में भी उतना ही जादुई था।
किश्वर देसाई की किताब डार्लिंग जी में लिखा गया है कि नरगिस सिर्फ 19 साल की थीं जब उन्होंने राज कपूर से प्यार किया। उन्होंने उस समय अपने दिल की सुनी, लेकिन वक्त के साथ समझदारी को चुना।