कोरोना काल में लॉकडाउन के समय एवं उसके पश्चात बॉलीवुड अभिनेता सोनू सूद ने अपने कार्यों के माध्यम से हजारों प्रवासी श्रमिकों, छात्रों और किसानों की मदद की है। आइए जानते हैं, वो 7 कारण जिनकी वजह से सोनू सूद 2020 के रियल लाइफ सुपर हीरो बन गए।
1. स्वास्थ्यकर्मियों के लिए निवास
जब मार्च 2020 में देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा हुई, तो डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को COVID-19 से निपटना पड़ा। लम्बे समय तक इलाज के दौरान उनके संक्रमित होने का खतरा बढ़ गया था। उनके पेशे के कारण लोग भयग्रस्त होकर उन्हें किराए पर मकान देने को तैयार नहीं थे। उन्हें निवास स्थान उपलब्ध कराने के लिए सोनू सूद ने मुंबई में अपने जुहू होटल के दरवाजे खोल दिए।
2. प्रवासियों की घर वापसी
लॉकडाउन ने प्रवासियों को उनके गृहनगर वापस जाने के लिए मजबूर कर दिया। परिवहन सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण, कई लोग पैदल ही सैकड़ों-हजारों किमी लंबी दूरी तय करने निकल पड़े।
स्वयं प्रवासी होने के कारण, सोनू ने प्रवासियों की इस कठिनाई को सहानुभूतिपूर्वक समझा। इसके बाद, सबसे पहले उन्होंने कर्नाटक के प्रवासियों के एक जत्थे के लिए परिवहन की व्यावस्था की और उन्हें सकुशल उनके गृहनगर पहुँचाने में मदद की। लॉकडाउन के दौरन उन्होंने 20000 से अधिक प्रवासियों को परिवहन के विभिन्न साधनों यथा –बस, ट्रेन, या हवाई जहाज से उनके गृहनगर तक भेजने में मदद की।
3. भूखे लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था
कोरोना महामारी के चलते बहुत सारे उद्योग और व्यवसाय बंद हो गए, जिसके परिणामस्वरूप बहुत लोगों की नौकरी चली गई और अनौपचारिक क्षेत्र के कामगार भूख से संघर्ष कर रहे थे।
उस विकट घड़ी में सोनू सूद ने अपने दिवंगत पिता, शक्ति सागर सूद के नाम पर शक्ति अन्नदानम लॉन्च किया, जिसके तहत मुंबई में रोज़ाना 45000 लोगों को खाना खिलाया जाता था।
4. प्रवासी भारतीय छात्रों की घर वापसी
किर्गिस्तान में फंसे भारतीय छात्रों के एक समूह के लिए सोनू सूद तारणहार बन गए। सोनू सूद ने उनके लिए बिश्केक से वाराणसी तक एक चार्टर प्लेन का प्रबंध किया। इस प्लेन से लगभग 135 छात्र सकुशल अपने घर लौट सके।
5. फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए पीपीई किट
डॉक्टर, नर्स, स्वास्थ्यकर्मी और पुलिसकर्मी COVID-19 के दौरान सामुदायिक कल्याण के लिए फ्रंटलाइन वर्कर्स की तरह कार्य कर रहे हैं। सोनू सूद ने अपने तरीके से उनकी भी मदद की। उन्होंने पंजाब में स्वस्थ्कर्मियों के लिए 1500 पीपीई किट उपलब्ध कराए, साथ ही महाराष्ट्र में पुलिसकर्मियों के लिए 25000 फेस शील्ड भी उपलब्ध कराए।
6. रोज़गार की व्यवस्था
भारत में प्रवासी श्रमिकों को रोज़गार के अवसर प्रदान करने के लिए सोनू सूद ने ‘प्रवासी रोज़गार’ नामक ऐप और वेबसाइट लॉन्च किया। यह प्लेटफ़ॉर्म बेरोज़गारों को नौकरी प्रदाताओं के साथ जोड़ता है। इसका उद्देश्य श्रमिकों को अपेक्षित कौशल के साथ प्रशिक्षित करना है ताकि वे अपने कौशल के अनुसार अच्छी नौकरी हासिल कर सके। सोनू सूद ने इस प्रयास के माध्यम से तीन लाख अवसर उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है।
7. संकटग्रस्त किसान की मदद
सोनू सूद ने आंध्र प्रदेश के किसान, जिनके पास खेती करने के लिए न तो बैल और न ही ट्रैक्टर था, उनके लिए ट्रैक्टर की व्यवस्था की। इस प्रकार, उन्होंने किसान की मदद करके एक नई मिसाल कायम की।