Site stats आशा भोसले का कहना है: पुराने गाने ‘बहुत श्रेष्ठ ढंग से लिखे, संगीतबद्ध किए और शानदार ढंग से गाए गए थे,’ अब सब खाली हो गया है – Brain Berries

आशा भोसले का कहना है: पुराने गाने ‘बहुत श्रेष्ठ ढंग से लिखे, संगीतबद्ध किए और शानदार ढंग से गाए गए थे,’ अब सब खाली हो गया है

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आशा भोसले, जो कि भारतीय संगीत की एक महान गायिका हैं , उनको लगता है कि संगीत वैसा ही है जैसे कोई बड़ी नदी जिसका आशा जी का संगीत सफर बहुत लम्बा और अनोखा रहा है, जो की लगभग 80 साल पहले शुरू हुआ था। वह PTI से बात करते हुए कहती हैं कि “मैं 90 साल की हो गई हूँ, पर अभी भी मंच पर खड़ी होकर तीन घंटे गाना गा सकती हूँ, और यह मुझे बहुत खुशी देता है।” 

आशा जी अपने आने वाले प्रोग्राम से पहले बहुत खुश और उत्साहित महसूस कर रही हैं। आशा भोसले की संगीत की यात्रा 1943 में मराठी फ़िल्म ‘माझा बाल’ के गाने “चला चला नव बाला” से शुरू हुई थी। 80 साल बाद, उन्होंने करीब 12,000 गानों में अपनी खास आवाज़ सुनाई। वह अब फिर से अपने प्रशंसकों को खुश करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। उनमें अभी भी वही ऊर्जा और जोश है। उन्हें संगीत उतना ही महत्वपूर्ण लगता है, जितना कि हमें सांस लेना।

हालांकि, उनका संगीत का सफर हमेशा आसान नहीं रहा। आशा जी ने अपने करियर में कई महान अभिनेत्रियों, जैसे कि मीना कुमारी, काजोल और भी अनेकों के लिए गाया। और इस दौरान, उन्होंने कई चुनौतियो का भी सामना किया। जीवन और संगीत में एक समानता देखते हुए, वह कहती हैं, “जैसे हम सांस के बिना नहीं जी सकते, उसी तरह संगीत मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है।” उन्होंने भी बताया कि जीवन में कुछ पल ऐसे भी थे जब उन्हें लगा कि वह आगे नहीं बढ़ पाएंगी, पर उन्होंने हार मानने का नाम नहीं लिया।

आशा जी अपार संगीतिक यात्रा में अनगिनत गाने गाए हैं। उनके गाए गाने में जोशीले ट्रैक ‘पिया तू अब तो आजा’ और ‘ओ हसीना ज़ुल्फों वाली’, दिल को छूने वाले ग़ज़ल ‘दिल चीज़ क्या है’ और भारतीय पारंपरिक गाने जैसे ‘तोरा मन दर्पण कहलाए’ शामिल हैं। 

आशा भोसले की आवाज़ सिर्फ भारत तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि पूरी दुनिया में गूंजती रही है। वैश्विक संगीत समूह, जैसे कि The Black Eyed Peas ने भी आशा जी के गानों से प्रेरित होकर अपने गाने बनाए हैं। आशा जी ने अंतर्राष्ट्रीय संगीत जगत में भी अपनी छाप छोड़ी है, और Boy George, Stephen Lauscombe, और क्रिकेट खिलाड़ी ब्रेट ली जैसे प्रसिद्ध लोगों के साथ काम किया। 

2020 में जब डिजिटल युग में सभी कुछ बदल रहा था, तब भी आशा जी ने यूट्यूब पर ‘मैं हूँ’ गाने से अपना परिचय दिया, जो कि आध्यात्मिक गुरु श्री रवि शंकर के लिए एक श्रद्धांजलि थी। उनका मानना है कि संगीत वह अनंत यात्रा है जो कभी समाप्त नहीं होती, जैसे कि एक बहती नदी।