भारत एक विकासशील देश है। जहाँ व्यवसाय की अपार संभावनाएँ हैं। आज भारत वैश्विक व्यापार को बढ़ाने में लगा हुआ है। आगामी समय में भारत आर्थिक विकास के उभरते केंद्रों में से एक होगा। जिसमें अनेक बड़ी विकास योजनाएँ होंगी।
1. स्थायी व्यवसाय की संभावनाएँ
क्योंकि भारत विकास के उभरते देशों में से एक है जिसमें बुनियादी विकास कर अनेक परियोजनाएँ हैं। मैकिल्से ग्लोबल इंस्टीट्यूट के अनुसार 2025 तक भारत के 69 शहरों में जनसंख्या 1 मिलियन से अधिक होगी। जो मानव संसाधन के रूप में कार्य करेगी। इसके अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्र का एक भाग मध्यम आय वर्ग में सम्मिलित हो जाएगा। भविष्य में भारत में व्यवसाय करने वाली कंपनियाँ इस अनुकूल अवसर का लाभ उठा सकती हैं।
2. संगठित रोजगार
18-59 वर्ष की आयु भारत में कार्य करने के लिए उपयुक्त मानी जाती है। 2021 तक इस भारतीय जनसंख्या का अनुपात 64 प्रतिशत से अधिक होने की संभावना है। भारत में इस समय लगभग 530 मिलियन की श्रमशक्ति है जिसमें से अधिकांश की आयु 30 वर्ष से कम है। इसके अतिरिक्त भारतीय युवाओं की आकांक्षाएँ बदल गई है। वह अब कृषि या दैनिक मजदूरी के स्थान पर नौकरी के नए अवसर ढूँढ रहे हैं।
3. किफायती परिचालन लागत
किसी व्यवसाय के लिए आवश्यक कारकों की लागत भारत में कम है। साथ ही भारत विकास के लिए नए व्यवसाय के अवसर तलाशने वाले व्यवसायियों को प्रोत्साहन तथा समुचित सुविधाएँ उपलब्ध करा रहा है। यू0एस0, यू0के0 या सिंगापुर की अपेक्षा भारत में नए व्यवसाय स्थापना करना सस्ता है।
4. व्यवसाय आरंभ करने का पारिस्थिक तंत्र
किसी भी नए व्यवसाय के लिए आर्थिक व्यवस्था महत्वपूर्ण है। यह विश्व स्तर पर अलग हो सकती है। भारत प्रौद्योगिकी, ई-कामर्स और वित्तीय सेवाओं का केंद्र है। इस देश का बाजार नए विचारों को स्वीकार करने के लिए खुला है। लेकिन इसके लिए सही रणनीति का होना आवश्यक है जो आपका सही राह दिखा सके।
5. व्यापार के अनुकूल कानून
अनेक देश निजीकरण की बात से डरे हुए हैं। इसलिए निजी कंपनियाँ विकसित देशों में व्यवसाय स्थापित कर रही हैं। जहाँ व्यापार के लिए सरल नीतियाँ और कानून है। इसके अतिरिक्त भारत व्यापार के लिए लाभदायक अनेक कानून भारतीय संसद में पारित किए गए हैं। जो भारतीय अर्थव्यस्था में पारदर्शिता व एकरूपता लाएँगें।
6. मेक इन इंडिया योजना
मेक इन इंडिया योजना के तहत भारत सरकार ने 25 औद्योगिक क्षेत्रों पर ध्यान दिया है। जो विदेशी निवेश और कौशल विकास के माध्यम को बढाएँगें। बौद्धिक संपदा संरक्षण पर ध्यान केंद्रित कर सरकार बुनियादी ढाँचे का निर्माण करेगी।
7. भोगौलिक स्थिति
भारत की भोगौलिक स्थिति ऐसी है जो किसी भी व्यापार के लिए अनुकूल है। भारत की सीमा से जुड़े अनेक देश हैं, जो आयात-निर्यात के लिए उपयुक्त हैं।
8. वसुधैव कुटुंबकम
भारत एक विशाल देश है जहाँ अनेक धर्म और जाति के लोग मिलकर रहते हैं। ये वसुधैव कुटुंबकम में विश्वास रखते हैं। अगर आप देश के किसी भी हिस्से में व्यवसाय आरंभ करते हैं तो कुछ दिन में आप भी उस क्षेत्र का एक हिस्सा बन जाएँगें।
इसलिए भारत में व्यवसाय स्थापित करने का ये एक अनुकूल समय है।