Site stats सिल्क स्मिथा की ट्रैजिक लाइफ के पीछे की सच्चाई – Brain Berries

सिल्क स्मिथा की ट्रैजिक लाइफ के पीछे की सच्चाई

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भारत में सिनेमा जगत की गरिमा बढ़ानेवाली सबसे प्रभावशाली अभिनेत्रियों में से एक, सिल्क स्मिथा की कहानी चमक-दमक, ग्लैमर और दुःख से भरी हुई है। सिल्क स्मिथा अपने परफॉर्मन्स के मामले में अग्रणी थी, जो उस समय के लिए बहुधा आपत्तिजनक और अपरंपरागत थे। उनके तर्रार नृत्य, अफलातून फैशन, और उनके ऑफ-स्क्रीन करिश्मा ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया था।

1980 में वह सबसे सम्मानित और प्रसिद्ध अभिनेत्री थीं। दूसरी ओर, उसका वास्तविक जीवन उसके फ़िल्मी चरित्र को देखकर आपने जो सोचा होगा उससे कहीं अधिक दुखद था। इस ब्लॉग में, हम सिल्क स्मिथा के बारे में जानेंगे, उनकी धीमी शुरुआत के बाद रातोरात कामियाबी, स्टारडम और अकालिक अंत की भी बात करेंगे।

संक्षिप्त परिचय : जन्म और परिवार

2 दिसंबर, 1960 को भारत के राज्य आंध्र प्रदेश के एलुरु में विजयलक्ष्मी वडलापति नाम की एक बच्ची ने संसार में जन्म लिया। उसके पिता रेलवे में काम करते थे, जबकि उसकी माँ उसे पालने के लिए घर पर रहती थी। सिल्क का जन्म बेहद गरीबी में हुआ था और उन्होंने कम उम्र में ही अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए काम करना शुरू कर दिया था। 

वह चौथी कक्षा से आगे की शिक्षा जारी रखने के बजाय नौकरानी बन गई। एक छोटी सी लड़की के लिए अपने दोस्तों को और शाला जीवन को अलविदा कहना काफ़ी दुःख की बात थी। दस साल की उम्र इन सब के लिए छोटी उम्र थी।

फ़िल्म इंडस्ट्री में करियर

सिल्क के लिए फ़िल्म इंडस्ट्री में करियर बनाने का सफर काँटों से भरा था। उन्हें पहली बार तेलुगू फ़िल्मों में बैकग्राउंड परफॉर्मर के रूप में फ़िल्म इंडस्ट्री में काम मिला। हालांकि, उनके बेहतरीन प्रदर्शन ने फ़िल्म इंडस्ट्री का ध्यान आकर्षित किया। 1979 की फ़िल्म वंदी चकरम में सिल्क ने प्रमुख भूमिका निभाई, जिसने उन्हें प्रसिद्धि के शिखर पर पहुंचा दिया। 

इसके तुरंत बाद उसने अपने डायरेक्टर को मुंदरू मुगम, सदमा और चालबाज़ सहित कई हिट फ़िल्में दीं। सिल्क का 17 वर्षों का लंबा और सफल करियर है, जिसमे तमिल, मलयालम, तेलुगू, कन्नड़ और हिंदी में 450 से अधिक फ़िल्में शामिल हैं। प्रशंसकों को इस ब्राउन स्किनवाली सुपरस्टार की कामुकता, नृत्य और रोमेंटिक कहानियोंने मंत्रमुग्ध कर दिया गया था, और वे उसे देखने के लिए फ़िल्म थिएटर में भीड़ लगा देते थे।

सिल्क स्मिथा और उसका जुनून 

सिल्क स्मिथा की पहली प्रमुख भूमिका 1979 की ब्लॉकबस्टर तमिल फ़िल्म वंदीचक्करम में सिल्क नामक एक बार में काम करनेवाली वेटर के रूप में थी। उनके इस रोल ने दर्शकों को मोहित कर दिया और ऐसे ही उसका उपनाम “सिल्क स्मिथा” अर्जित हो गया। स्मिथा 1980 की फ़िल्म उद्योग की सबसे अधिक डिमांडमें रहनेवाली सेंसेशन सायरन बन गई क्योंकि वह अगले दो दशकों तक सिज़लिंग परफॉर्मेंस करती रही, जिसने प्रशंसको की बढ़ती भीड़ को सम्मोहित करके रखा। 

सिल्क स्मिथा ने पहले ही अपने बॉल्ड और कामुक ऑन-स्क्रीन केमिस्ट्रीसे  खुद को फ़िल्म उद्योग की  ‘क़्वीन’ के रूप में स्थापित कर लिया था। हालांकि, दक्षिण भारतीय सुपरस्टार रजनीकांत के साथ ग्राउंडब्रेकिंग फ़िल्म ‘मुंदरू मुगम’ में उनकी भूमिका ने उनकी प्रतिष्ठा को एक लेजेंड के रूप में मजबूत कर दिया था। 1980 और 1990 के दशक के दौरान, सिल्क स्मिथा इतना लोकप्रिय थी कि हर निर्देशक ने अपनी फ़िल्मों में कम से कम एक गीत शामिल किया जिसमें उन्हें दिखाया गया था।

1980 के दशक की सबसे अधिक वेतन पानेवाली महिला अभिनेत्री

उनका आकर्षक मेकअप, शॉर्ट कॉस्ट्यूम्स और चमकीलें बाल उनकी हर फ़िल्म के स्टेपल थे। जब सिल्क ने दक्षिण भारतीय फ़िल्मों में एक महिला अभिनेता के तौर पर सर्वाधिक वेतन प्राप्त किया तो उन्होंने उस समय फ़िल्म उद्योग में प्रस्थापित जेंडर बायस के नियमों को तोड़ दिया।

जब वह अपने कॅरियर के पिक पर थी, तो वह सबसे ज्यादा दर्शकों को सिनेमाहॉल में खींचने वालों में से एक थी, इसलिए यह समझ में आता है कि स्टूडियो और निर्देशक पैसे कमाने के लिए सेक्स सायरन सिल्क को फ़िल्म में  डालना चाहते थे और उनकी प्रसिद्धि का फायदा उठाना चाहते थे।

जबरदस्ती शादी 

सिल्क स्मिथा का निजी जीवन त्रासदी और दर्द से भरा हुआ था। उसकी कम उम्र में ही शादी हो गई थी, जो कुछ ही समय बाद खत्म हो गई। उनकी उदासी और नशे में रहने की आदत ने सिल्क की परेशानियों को बढ़ा दिया। 

उनके रोमांटिक जीवन की आयु छोटी ही रहती थी, जो अक्सर दिल टूटने से समाप्त होता था। सिल्क स्मिथा का 14 साल की कोमल उम्र में विवाह हो गया था। उनके माता-पिता ने उसकी जानकारी के बिना उसकी शादी की तैयारी कर ली थी। हालांकि, वह अपनी शादी से भागने में कामयाब रही और कुछ साल बाद चेन्नई में जा कर बस गई।

दिल दहला देने वाला अंत

23 सितंबर, 1996 को, सिल्क स्मिथा को चेन्नई में अपने फ्लैट में मृत पाया गया था। छत के पंखे से लटककर उनहोने आत्महत्या की थी । जब की आत्महत्या से उसकी मौत का सटीक कारण आज भी अज्ञात हैं, व्यापक रूप से यही कहा जाता है कि पैसे की परेशानियों और डिप्रेशन ने उनकी आत्महत्या को प्रेरित किया।

द डर्टी पिक्चर

विद्या बालन अभिनीत डर्टी पिक्चर सिल्क स्मिथा की रियल लाइफ स्टोरी पर आधारित है और इसे एकता कपूर ने प्रोड्यूस किया था। उनके बोल्ड परफॉर्मेंस, शराब, हार्टब्रेक और ग्लैमरस जीवन शैली को इस फ़िल्म द्वारा दर्शंकों को दिखाया गया था।

निष्कर्ष

हार्टब्रेक और दुःख ने सिल्क स्मिथा के पूरे जीवन को आहत किया था। अचानक मिली स्टारडम के साथ ही अपने अंदरूनी संघर्षों को उसे पार करना था। फ़िल्म जगत में सिल्क ने अपनी अमिट छाप छोड़ी है। उसका जीवन प्रसिद्धि की चमक और उस राह पर चलने वालों की अकेलेपन से ज़ूज़ने की स्ट्रगल को सांझा करती है।