यह सच है कि गुजरे दिनों की प्रसिद्ध अभिनेत्री जीनत अमान एक बार फिर चर्चा में हैं। वह अपने फैंस के साथ अक्सर अपनी यादों को साझा करती रहती हैं। इस बार, जीनत ने अपनी मां सिंडा से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताईं, जो पहले कभी नहीं सुनी गई थीं। उन्होंने अपने पिता अमानउल्ला खान और जर्मन सौतेले पिता अंकल हेंज की तस्वीरें भी साझा कीं।
जीनत ने बताया कि उनकी मां ने हर मोड़ पर उनका साथ दिया। जब उन्होंने एक्टिंग में अपना करियर बनाने का फैसला किया, तो उनकी मां ने अपना कामकाज छोड़ दिया और बेटी को आगे बढ़ाने में लग गईं। यह एक बेहद प्रेरणादायक कहानी है, जो जीनत अमान के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
जीनत अमान ने अपने इंस्टाग्राम पर दो पुरानी तस्वीरें साझा कीं। ये तस्वीरें उनके एक फैंस ने उन्हें भेजी थीं। जीनत ने कहा कि हर रविवार को एक डेडीकेटेड फैन मुझे अपने कलेक्शन से पुरानी तस्वीरें भेजता है। इस रविवार को उन्होंने जीनत की मां की दो तस्वीरें भेजीं – एक उनके पिता अमानुल्लाह खान के साथ और दूसरी उनके जर्मन सौतेले पिता अंकल हेंज के साथ। जीनत ने कहा कि उनकी मां इस दुनिया की सबसे प्यारी, सुंदर और अच्छी महिला थीं।
जीनत अमान ने बताया कि मेरे माता-पिता के अलग होने के बाद मेरी मां ने व्यापार करना सिखा और एक कामकाजी महिला बन गईं। उन्होंने मुझे सबसे अच्छे बोर्डिंग स्कूलों में भेजा और वह कभी भी मुझसे मिलने का मौका नहीं छोड़ती थीं। जहां वह मेरे लिए सभी आवश्यक सामान लेकर आतीं। जब मैंने अभिनय में करियर बनाने का निश्चय किया। तो उन्होंने अपना काम छोड़कर मेरी मैनेजर बनकर मेरा साथ दिया। उन्होंने मेरे कॉन्ट्रैक्ट्स का ध्यान रखा। मेरी आय को निवेश किया, मेरे लिए टिफिन तैयार किया, मेरे स्टाइल को प्रेरित किया और मेरा आत्मविश्वास बढ़ाया।
जीनत अमान ने बताया कि उनकी मां किसी भी पुरुष को उनके बराबर नहीं मानती थीं। मम्मी को लगता था कि कोई भी पुरुष मेरे लायक नहीं है और यही हमारे बीच का एक प्रमुख मुद्दा था। फिर भी जब भी मैं उदास होती थी तो मैं नेपियन सी रोड पर स्थित हमारे घर में मम्मी के बिस्तर पर जाकर उनके पास लेट जाती और उनका हाथ पकड़ लेती। हम कोई बात नहीं करते थे लेकिन उनके साथ होने से मेरा मन शांत हो जाता था और मैं सुरक्षित महसूस करने लगती थी।
यह सच है कि जब जीनत अमान घर से भाग गई थीं तो उनकी मां का दिल टूट गया था। लेकिन जीनत कहती हैं कि जब उनका पहला बेटा पैदा हुआ तो सब ठीक हो गया। दोनों का जन्मदिन एक ही दिन आता है। जब 1995 में उनकी मां का निधन हुआ तो जीनत को ऐसा लगा जैसे किसी ने उनकी सुरक्षा की चादर किसी ने खींच ली हो। अब ये यादें उनके लिए और भी ज्यादा खास हो गई हैं क्योंकि वह केवल अपनी यादों में ही अपनी मां की सुकुन भरी छांव में लौट सकती हैं।